यूपीआई के लॉन्च के बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि आने वाले समय में हम ऐसे ही और नए प्रयोग देखेंगे। इनमें से ही एक है... आधार पेमेंट्स (एईपीएस)। इसके बारे में आधिकारिक घोषणा कर दी गई है और इसे जल्द ही रोल आउट कर दिया जाएगा। इसकी मदद से यूज़र आधार नंबर और बायोमैट्रिक जानकारियों के आधार पर पैसा भेज और पा सकेंगे।
पिछले सप्ताहांत आईडीएफसी बैंक ने आधार नंबर पर आधारित नकदीरहित व्यवस्था की घोषणा की। डिजिटल पेमेंट्स के लिए रिटेलर के फोन का इस्तेमाल होता है। इसे आधार पे का नाम दिया गया है। इसके एनपीसीआई, यूआईडीएआई और आईडीएफएस बैंक के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया है। नई व्यवस्था को पिछले तीन दिनों में 100 दुकानदारों के लिए रोल आउट किया गया है। इसमें भुगतान के लिए आधार और यूपीआई का इस्तेमाल होता है।
इस दौरान एसबीआई ने घोषणा की है कि उसने महाराष्ट्र के पेन तालुका के शिड़की गांव को आधार पेमेंट्स की टेस्टिंग के लिए गोद लिया है। इस गांव के दुकानदारों को एंड्रॉयड स्मार्टफोन और फिंगरप्रिंट स्कैनर मुहैया कराए गए हैं, ताकि वहां नकदीरहित व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके।
क्या है आधार पेमेंट्स?
जैसा कि हमने आपको पहले हीबताया है कि यूपीआई बैंकिंग के क्षेत्र में बड़ी खोज है। यह आपकी पहचान करने के लिए आपके मोबाइल का इस्तेमाल करता है और मोबाइल को डेबिट कार्ड में तब्दील कर देता है जिससे आप कहीं से भी भुगतान कर सकते हैं।
एक वाक्य में कहें तो यूपीआई के ज़रिए आप तुरंत ही आईएमपीएस पेमेंट फ्रेमवर्क को इस्तेमाल करके बिना अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड जाने पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। आपको बस उनकी वर्चुअल पहचान पता होनी चाहिए जैसे कि gopal@icici (उदाहरण के तौर पर), या 1234567890@axis (1234567890 इसकी जगह अपने फोन नंबर का इस्तेमाल करें)।
आधार को यूपीआई का सहायक आधारभूत ढांचा माना जाता है। जिसकी मदद से आधार पेमेंट्स होते हैं। इसकी मदद से आधार में दी गई बायोमैट्रिक जानकारियों की वैरिफिकेशन के बाद उन अकाउंट से भुगतान संभव होगा जो आधार से लिंक हैं। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में आपका पीओएस टर्मिनल की जगह फिंगरप्रिंट रीडर से सामना होगा।'
ऐसे होगा पेमेंट
अभी आधार पेमेंट्स की व्यवस्था शुरुआती चरण में है। एसबीआई ने महाराष्ट्र के एक गांव को आधार पेमेंट्स के लिए गोद लिया है और आईडीएफसी ने 100 दुकानदारों के लिए ये सुविधा मुहैया कराई है। यह आंकड़ा इतना छोटा है कि आपकी इस व्यवस्था से सामना होने की संभावना बेहद ही कम है।
जैसे ही यह व्यवस्था और लोकप्रिय होती है, आपको यह करने की ज़रूरत होगी... सबसे पहले आधार कार्ड होना चाहिए। इसके बाद आधार को बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। अगर आपने पहले से लिंक नहीं किया है तो बैंक जाकर आधार का ब्यौरा साझा करें। हालांकि, कई लोग इसे निजता का उल्लंघन मान रहे हैं। लेकिन अगर आप इस व्यवस्था की कमियों और खूबियों पर गौर करें तो आप इसका हिस्सा बनना चाहेंगे। इसके बाद आपको और किसी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
दुकानदार के पास आधार पेमेंट की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए बैंक अकाउंट, एंड्रॉयड स्मार्टफोन और फिंगरप्रिंट स्कैनर की ज़रूरत पड़ेगी। व्यापारी को अपने फोन में आधार पेमेंट ऐप को इंस्टॉल करना होगा। यह अभी गूगल प्ले पर नहीं है, लेकिन भविष्य में इसे उपलब्ध करा दिया जाएगा। अभी इस व्यवस्था के लिए बैंकों द्वारा भुगतान किया जा रहा है। जैसे-जैसे यह चलन में आएगा, व्यापारियों को पीओएस मशीन की तरह इसके लिए भी पैसे देने पड़ेंगे।
स्टोर में भुगतान करने के लिए आपको बस अपना आधार नंबर देना होगा। इसके बाद आपके फिंगरप्रिंट की स्कैनिंग होगी। अब आप आधार से जुड़े बैंक को चुनें और फिर भुगतान हो जाएगा। आपको कोई ऐप इंस्टॉल करने की ज़रूरत नहीं। कोई वॉलेट नहीं चाहिए और ना ही पास में स्पेशल कार्ड होना चाहिए।
आगे क्या होगा...
आधार पेमेंट के और लोकप्रिय होने की उम्मीद करिए। ख़ासकर छोटे शहरों और गांवों में, जहां पर स्मार्टफोन और साथ में वॉलेट या यूपीआई जैसी व्यवस्था इस्तेमाल में आने की संभावना बेहद ही कम है।
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